कभी-कभी बस ऐसे ही, यहाँ-वहाँ की कहानियां, जाने कहाँ-कहाँ, क्या कुछ कहती-सुनती मिलती हैं? मैं भी ना जाने कहाँ-कहाँ, क्या-कुछ पढ़ लेती हूँ ना?
जैसे ये?
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